Thursday, July 10, 2014

हमारी दिल्ली।

अंधेरे में डूबी हमारी ये दिल्ली।
अच्छे दिनों की है मारी ये दिल्ली।।
शतरंज के काले खानों में बैठे।
सेवेन रेसकोर्स की दुलारी ये दिल्ली।।
Power Cut in Delhi
काले रुपइये पर गंदी सियासत।
है नेताओं की दीनदारी ये दिल्ली।।
ग़ालिब की गलियों की अफ़सुर्दा रातें।
लूटियन इलाकों पे वारी ये दिल्ली।।
कहां शौक के कोई खुशियां समेटे।
बलात्कार की बेक़रारी ये दिल्ली।।
पहले मुहब्बत सिखाती है लेकिन।
है एहसास की कारोबारी ये दिल्ली।।
बेदिल की दिल्ली है, दिल्ली है बेदिल।
ज़ख़्मी तिजारत की प्यारी ये दिल्ली।।


Gali Qasim Jaan, Delhi