शर्ट की जेब में रखकर,
भूल गया था मैं
और दिन भर ये सोचता रहा
कि चुपके-चुपके कौन
खेलता रहा मेरी धड़कनों से,
हौले-हौले कौन
गुदगुदी करता रहा मेरे सीने में
और दिन भर कौन
अपनी मासूम हरकतों से
परेशान करता रहा मुझको
अजब दिल्लगी है!
परेशान होकर भीडांट नहीं सकता तेरी तस्वीर को
डर लगता है
कहीं तुम रो न पड़ो
और तुम्हारे आंसुओं से
शर्ट के भीतर छुपा मेरा मासूम दिल
बेवजह, भीग जाये कहीं
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