रोजा बगैर लीडर!
Amaan Faizabadi |
रोजा बगैर लीडर अफ्तार कर रहे हैं।
अफ्तार की नुमाइश जरदार कर रहे हैं।
मुफलिस घरों से अपने आला मिनिस्टरों का
खुशआमदीद कहकर दीदार कर रहे हैं।
कमजर्फियों से होती महफिल की सारी जीनत
रोजा नमाज घर में खुद्दार कर रहे हैं।
नाम व नमूद शोहरत मिलती है महफिलों से
उम्मीद आखिरत की बेकार कर रहे हैं।
महफिल का हुस्न कोई कैसे खराब कर ले
बेवा यतीम शिकवा बेकार कर रहे हैं।
No comments:
Post a Comment