उस गली से गुज़रे
अब तो शायद वो भी
मेरी राह नहीं देखती होगी
कहाँ ठहरता है
कोई इतने दिनों तक
कहते हैं प्यार के लिए
वक़्त देना पड़ता है
वक़्त देना पड़ता है
मगर पेट ने
खरीद लिया है वक़्त को
खरीद लिया है वक़्त को
अब मेरे पास जो वक्त है
वो पेट के लिए है
और ये वक्त बहुत ज़ालिम है
दिन भर
काम कराता रहता है मुझसे
काम कराता रहता है मुझसे
कमबख्त! वक़्त
उसको याद भी नहीं करने देता
उसको याद भी नहीं करने देता
Ye Sahi Baat hai Wasim Bhai
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